अभी अभी
तुम्हारे हटाए हुए परदे के पीछे से,
धूप के साथ-साथ
गुरूद्वारे की गुरुवाणी भी
तुम्हे छूती हुई चली आई है,
तुम्हारे खनकते हुए हाथों से
मेज़ पर रखी हुई चाय की प्याली,
और मीठी सी हँसी के साथ
मेरे गाल पर
तुम्हारी प्यारी सी थपकी,
सब है चर्चा से परे और प्यार के पार.
चादरों को तह करते हुए
तुम्हारी चूडियों की खनक के साथ
मेरी नींद का टूटना
कितना सुखद है यह एहसास
और कितनी खूबसूरत है
मेरे दिन की शुरुआत."
7 comments:
शानदार रचना आपके आगमन के लिए धन्यबाद मेरी नई रचना शेयर बाज़ार पढने आप सादर आमंत्रित हैं
कृपया पधार कर आनंद उठाए जाते जाते अपनी प्रतिक्रया अवश्य छोड़ जाए
बहुत सुन्दर रचना है।
nihsandeh,bahut sundar
वाह वाह
शानदार शुरूआत
क्या बात है
खुशनसीब
बधाई स्वीकारें
बहुत खूब. अच्छी पंक्तियाँ है .
आप मेरे ब्लॉग पर सादर आमंत्रित हैं
बहुत ही अच्छा ... समय निकल कर मेरी नई रचनाए पर भी पधारे
...."Tumharee chudiyonki khanak ke saath, Meree neendka tootna"...behad khoobsoorat ehsaas, jise utnehee khoobsoorat alfazonme piroya aapne...Ek ashwast kartee shuruat, ke ab sab theek hai zindageeme...
Sabhi rachnayen achhee lagee...tippanee yahanpe de rahee hun..
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